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भारतीय विश्वविद्यालय संघ के महासचिव डॉ. पंकज मित्तल ने कोर्स का किया उद्घाटन
डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, भारतीय स्त्री शक्ति तथा हेरीटेज सोसाईटी के संयुक्त तत्वावधान में इंट्रोडक्शन टू इंडियन फेमेनिज्म कोर्स का उद्घाटन किया गया। इस कोर्स का जिक्र करते हुए भारतीय विश्वविद्यालय संघ के महासचिव डॉ. पंकज मित्तल ने कहा कि आज के भारतीय महिलाओं ने जिस तरह से अपने परिवार के सभी कर्तव्यों को निभाते हुए जो अपने लिए रास्ता निकाला है वो कबीले तारीफ है। उन्होंने आगे सावित्रीबाई फुले का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह के महिलाओं ने भारतीय राष्ट्रीयता में एक बड़ी लकीर खींचा है। उन्होंने इस कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि ये भारतीय महिलाओं को सशक्त करेगा।
"इंट्रोडक्शन टू इंडियन फेमेनिज्म" सर्टिफिटेक कोर्स के उद्घाटन कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ. पंकज मित्तल ने कहा कि अभी देश में महिलाओं और पुरुषों में बहुत असमानताएं हैं। अभी भी आधी आबादी को उनका हक नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि पुरुषों की अपेक्षा आज भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत कम है। उन्होंने कहा कि 8000 उम्मीदवार में मात्र 700 महिला उम्मीदवार थीं और उसमे से 78 उम्मीदवार ही जीतकर आए। उन्होंने एकेडमिक क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि आज भी इस दिशा में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या कम है।
इस कार्यक्रम के गेस्ट ऑफ़ हॉनर एवं भारतीय स्त्री शक्ति के उपाध्यक्ष नयना सहस्रबुद्धे ने महिलाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में महिलाओं को पितृ सतात्मक विचार से मुक्ति दिलाना और समाज में समान अधिकार दिलाने के लिए जागरूक करना है। आज के भारतीय महिलाओं को उसके अधिकार और कर्तव्यों के बारे में उनको अवगत कराने की जरूरत है। उन्होंने साथ में यह भी कहा कि इस तरह के नारीशक्ति के उत्थान के लिए जो कार्यक्रम किए जा रहे है वो इनके सशक्तिकरण में सहयोग करेंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. आशा शुक्ला ने किया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने आयोजकों को शुभकामनायें दी और प्रतिभागियों को इस कोर्स से अधिकाधिक लाभ उठाने हेतु उत्साहित भी किया। इस कोर्स के अकादमिक समन्वयक डॉ. प्राची मोघे जो मुंबई यूनिवर्सिटी के पुरातात्विक विभाग के अध्यापिका व भारतीय स्त्री शक्ति के कार्यकर्ता भी हैं , ने कहा कि भारतीय नारीवाद का ज्ञान भारतीय परिप्रेक्ष्य में जानना बहुत जरूरी है। भारत में नारीवाद और उस पर चिंतन करने के लिए इस कार्यक्रम को लाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस पाठ्यक्रम में सामाजिक व महिलाओं के क्षेत्र में काम कर रहे लोग जो काफी अनुभवी हैं वे इस कोर्स में पढ़ाएंगे। इसका उद्देश्य नारी सशक्तिकरण एवं उत्थान है।
इस पाठ्यक्रम के कोर्स कोर्डिनेटर प्रो. अनंताशुतोष द्विवेदी जो कि हेरीटेज सोसाईटी के महानिदेशक तथा सी.वी. रमण विश्ववियालय के प्रोफेसर भी हैं, ने उद्घाटन सत्र को मॉडरेट किया। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि वैसे तो तीनों संस्थाएं अपने-अपने क्षेत्र में प्रेरक एवं अत्यंत उपयोगी कार्य निरंतर करती रही है। उन्होंने तीनों संस्थानों का संक्षिप्त परिचय, उदेश्यों एवं गतिविधियों को सभी प्रतिभागियों को अवगत कराया। प्रो. द्विवेदी ने सभी प्रतिभागियों, मिडिया बंधुओं और फेसबुक एवं यूट्यूब पर देश एवं विदेश से देख रहें उन समस्त दर्शकों से अनुरोध किया कि हमारी इस कोर्स की अमृत यात्रा को घर -घर तक पहुँचायें और इस आयोजन के बारे में जरूर बताएं साथ ही आपने विचार/सन्देश कमेंट बॉक्स में साझा भी करें और अपना फीडबैक जरूर दें ।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. प्राची मोघे ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया और कहा कि जो लोग इस विषय पर आगे काम करने कि इच्छा रखते हैं वे आगे बढ़े और इस कोर्स को आगे लेकर आए। उद्घाटन सत्र में कोर्स के समन्वयक डॉ. मनोज गुप्ता एवं पाठ्यक्रम से जुड़े तीनों संस्थानों के सभी लोगों ने ऑनलाइन भाग लिया। इसआयोजन में सानन्त टीम के सदस्यों का तकनीकी सहयोग रहा। इस अवसर पर कई विश्वविद्यालयों के फैकल्टी, शोधार्थी, विद्यार्थी ने भी बढ़ -चढ़कर हिस्सा लिया।